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सम्पूर्ण कहानियाँ मार्कण्डेय

मार्कण्डेय

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :615
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12279
आईएसबीएन :9789386863621

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

मार्कण्डेय का पहला कहानी-संग्रह ‘‘पान-फूल’’ 1954 ई. में प्रकाशित हुआ। हालाँकि मार्कण्डेय ने कहानी लिखना 1948 में ही शुरू कर दिया था। प्रारम्भिक कहानियों में ‘‘रक्तदान’’, हैदराबाद निजाम के खिलाफ लड़ रहे किसानों के त्याग और बलिदान पर केन्दित कहानी थी। ‘‘गरीबो की बस्ती’’, जो मार्कण्डेय की पहली लिखी हुई कहानी है, भारत-पाक विभाजन के बाद बंगाल के साम्प्रदायिक दंगों पर केन्द्रित है। भारत के नये बनते मध्य वर्ग के सांस्कृतिक पिछड़ेपन को रेखांकित करती यह पहली कहानी सिर्फ मार्कण्डेय के सचेत कहानीकार होने को ही नहीं दिखाती बल्कि भारतीय समाज के एक ऐसे यथार्थ को सामने रखती है, जिससे लोकतन्त्र और आधुनिकता का भविष्य तय होना था। मार्कण्डेय ने जितने दलित, स्त्री, किसान, अल्पसंख्यक और हाशिये के समाज के पात्रों को उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि और सजग चेतना के साथ प्रस्तुत किया है, वह प्रेमचन्द की कथा-परम्परा का नवीनीकरण और विस्तार है। सम्पूर्ण कहानियाँ : मार्कण्डेय यह संग्रह हिन्दी समाज की वह मुकम्मल तस्वीर पेश करता है जिसमें साहित्य और समाज अन्योन्याश्रित है। अस्वादपरकता के बरक्स ये कहानियाँ महज सफलता की ही नहीं बल्कि सार्थकता की कसौटी की भी माँग करती हैं। इन कहानियों का पढ़ा जाना मार्कण्डेय के कथा सरोकारों के साथ-साथ उनके समय और समाज को जानना भी है। दमकते भारत के बरक्स ये कहानियाँ अँधेरे के भारत का साक्षर भी है।

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